बधैया बाजे आँगने में,
बधैया बाजे आँगने मे ॥
चंद्रमुखी मृगनयनी अवध की,
तोड़त ताने रागने में,
बधैया बाजे आँगने मे ॥
प्रेम भरी प्रमदागन नाचे,
नूपुर बाँधे पायने में,
बधैया बाजे आँगने मे ॥
न्योछावर श्री राम लला जु,
नहिं कोऊ लाजत माँगने में,
बधैया बाजे आँगने मे ॥
सियाअली यह कौतुक देखत,
बीती रजनी जागने में,
बधैया बाजे आँगने मे ॥
काशी नगरी से, आए है शिव शम्भू: भजन (Kashi Nagri Se Aaye Hai Shiv Shambhu)
आशा दशमी पौराणिक व्रत कथा (Asha Dashami Pauranik Vrat Katha)
साखी विष्णु विसार मत जाई ये प्राणी,मिनखा देही है अनमोली,जग में दातार बड़ों
बधैया बाजे आँगने में,
बधैया बाजे आँगने मे ॥
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