अम्बे कहा जाये जगदम्बे कहा जाये,
बोल मेरी मैया तुझे क्या कहा जाये ॥
मैंने सोने का टीका बनवाया,
मेरी मय्या को पसन्द नहीं आया,
उसे फूलों का टीका पसन्द आया,
अम्बे कहा जाए जगदम्बे कहा जाए,
बोल मेरी माता तुझे क्या कहा जाये ॥
मैंने सोने के कंगन बनवाये,
मय्या को पसन्द नहीं आये,
उसे फूलों के कंगन पसन्द आये,
अम्बे कहा जाए जगदम्बे कहा जाए,
बोल मेरी माता तुझे क्या कहा जाये ॥
मैंने सोने का हार बनवाया,
मइया को पसन्द नहीं आया,
उसे फूलों का हार पसन्द आया,
अम्बे कहा जाए जगदम्बे कहा जाए,
बोल मेरी माता तुझे क्या कहा जाये ॥
मैंने सोने की तगड़ी बनवायी,
मइया को पसन्द नहीं आयी,
उसे तो फूलों की तगड़ी पसन्द आयी,
अम्बे कहा जाए जगदम्बे कहा जाए,
बोल मेरी माता तुझे क्या कहा जाये ॥
निर्माण कालीन समराथल ........समराथल कथा भाग 16
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अम्बे कहा जाये जगदम्बे कहा जाये,
बोल मेरी मैया तुझे क्या कहा जाये ॥
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