अब ना बानी तो फिर ना बनेगी
नर तन बार बार नहीं मिलता
अब ना बानी तो फिर ना बनेगी
नर तन बार बार नहीं मिलता
हीरा सा जनम क्यों विरथा गवायों
ना सत्संग कियो हरी गुण गायो
जननी तेरी तुझे फिर ना जनेगी
नर तन बार बार नहीं मिलता
अब ना बानी तो,
अब ना बानी तो फिर ना बनेगी
नर तन बार बार नहीं मिलता
तेरी जवानी भरम भुलानी
गुरु पितु मात की बात मानी
नैया कहो कैसे पार लगेगी
नर तन बार बार नहीं मिलता
अब ना बानी तो,
अब ना बानी तो फिर ना बनेगी
नर तन बार बार नहीं मिलता
ओ प्राणी तेरी माटी
धरणी गिरत है पतंग ज्यो काटी
माटी में माटी मिल रहेगी
नर तन बार बार नहीं मिलता
सुबह सुबह ले शिव का नाम - भजन (Subah Subah Le Shiv Ka Naam)
ऊँचे पर्वत चढ़कर जो, तेरे मंदिर आते हैं: भजन (Unche Parvat Chadhkar Jo Tere Mandir Aate Hain)
बावन श्लोकी श्री गुरुचरित्र (Bavanna Shokli Gurucharitra)
अब ना बानी तो,
अब ना बानी तो फिर ना बनेगी
नर तन बार बार नहीं मिलता
अब ना बानी तो फिर ना बनेगी
नर तन बार बार नहीं मिलता
नर तन बार बार नहीं मिलता
नर तन बार बार नहीं मिलता