आओ विनायक म्हारे,
आंगणिये पधारो,
भक्ता रा कारज सारो जी,
हाँ संवारो जी,
आओं विनायक म्हारे,
आंगणिये पधारो ॥
मूषक रा असवार देवा,
पहला थारो ध्यान धरा,
कीर्तन मांड्यो आंगणे,
बाबा थारो अह्वान करा,
रिद्धि सिद्धि के सागे,
आओ जी,
म्हारे आंगणिये पधारो,
आओं विनायक म्हारे,
आंगणिये पधारो ॥
घृत सिंदूर चढ़ावा थारे,
लड्डुवन भोग लगावा जी,
चन्दन चौक पुरावा ऊँचे,
आसन पे बिठावा जी,
रणत भवन सुथे आवो जी,
म्हारे आंगणिये पधारो,
आओं विनायक म्हारे,
आंगणिये पधारो ॥
पहली पत्रिका भेजी थाने,
बेगा सा थे आओ जी,
आप भी आओ सब देवा ने,
सागे अपने ल्याओ जी,
भगता रा मान बढ़ाओ जी,
म्हारे आंगणिये पधारो,
आओं विनायक म्हारे,
आंगणिये पधारो ॥
दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी: भजन (De Do Anguthi Mere Prano Se Pyari)
श्री आदिनाथ चालीसा (Shri Aadinath Chalisa)
आश्विन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा (Ashvin Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha)
आओ विनायक म्हारे,
आंगणिये पधारो,
भक्ता रा कारज सारो जी,
हाँ संवारो जी,
आओं विनायक म्हारे,
आंगणिये पधारो ॥