आदि अंत मेरा है राम,
उन बिन और सकल बेकाम ॥
कहा करूं तेरा बेद पुराना,
जिन है सकल जगत भरमाना ॥
कहा करूं तेरी अनुभै बानी,
जिनमें तेरी सुद्धि भुलानी ॥
कहा करूं ये मान बड़ाई,
राम बिना सबही दुखदाई ॥
कहा करूं तेरा सांख व जोग,
राम बिना सब बंधन रोग ॥
परिश्रम करे कोई कितना भी लेकिन: भजन (Parishram Kare Koi Kitana Bhi Lekin)
श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति पौराणिक कथा (Shri Nageshwar Jyotirlinga Utpatti Pauranik Katha)
कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे - भजन (Kabhi Fursat Ho To Jagdambe)
कहा करूं दंद्रिन का सुक्ख,
राम बिना देवा सब दुक्ख ॥
दरिया कहै राम गुरू मुखिया,
हरि बिनु दुखी राम सँग सुखिया ॥
Post Views: 72