सनातन पूजा पद्धति में अंग पूजा किसी भी देव पूजा अनुष्ठान का अभिन्न अंग है। श्री गणेश पूजा के दौरान, भक्त भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए इन मंत्रों का प्रयोग अंग पूजा के लिए करते हैं। इसके अंतर्गत अंग पूजा में भगवान श्री गणेश के शरीर के प्रत्येक महत्वपूर्ण अंग की पूजा पवित्र मंत्र जाप के साथ करने का विधान है।
गणेशोत्सव के दौरान आने वाली गणेश चतुर्थी को भक्त भगवान श्री गणेश की विभिन्न पूजाओं के साथ साथ श्री गणेश अंग पूजा भी करते हैं।
भगवान श्री गणेश अंग पूजा मंत्र
❀ ॐ गणेश्वराय नमः – पादौ पूजयामि ।
❀ ॐ विघ्नराजाय नमः – जानुनि पूजयामि ।
❀ ॐ आखुवाहनाय नमः – ऊरूः पूजयामि ।
❀ ॐ हेरम्बाय नमः – कटि पूजयामि ।
❀ ॐ कामरी सूनवे नमः – नाभिं पूजयामि ।
❀ ॐ लम्बोदराय नमः – उदरं पूजयामि ।
❀ ॐ गौरीसुताय नमः – स्तनौ पूजयामि ।
❀ ॐ गणनाथाय नमः – हृदयं पूजयामि ।
❀ ॐ स्थूल कण्ठाय नमः – कण्ठं पूजयामि ।
❀ ॐ पाश हस्ताय नमः – स्कन्धौ पूजयामि ।
❀ ॐ गजवक्त्राय नमः – हस्तान् पूजयामि ।
❀ ॐ स्कन्दाग्रजाय नमः – वक्त्रं पूजयामि ।
❀ ॐ विघ्नराजाय नमः – ललाटं पूजयामि ।
❀ ॐ सर्वेश्वराय नमः – शिरः पूजयामि ।
❀ ॐ गणाधिपताय नमः – सर्वाङ्गाणि पूजयामि ।
मन मोहन मूरत तेरी प्रभु: भजन (Mann Mohan Murat Teri Prabhu)
ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की - भजन (Na Jee Bhar Ke Dekha Naa Kuch Baat Ki)
मिशरी से मिठो नाम: भजन (Mishri Se Mitho Naam)