भगवन चौदह बरस वन वास,
भगवन लौट अयोध्या आए ।
भगवन चौदह बरस वन वास,
भगवन लौट अयोध्या आए ।
वो बागन-बागन आए,
और सूखे बाग हरियाए
वो बागन-बागन आए,
और सूखे बाग हरियाए
मालिन पैरन परि-परि जाए
भगवन लौट अयोध्या आए ।
मालिन पैरन परि-परि जाए
भगवन लौट अयोध्या आए ।
भगवन चौदह बरस वन वास,
भगवन लौट अयोध्या आए ।
वो तालन-तालन आए,
और सूखे ताल भ रिआए ।
वो तालन-तालन आए,
और सूखे ताल भ रिआए ।
धोविन पैरन परि-परि जाए,
भगवन लौट अयोध्या आए ।
धोविन पैरन परि-परि जाए,
भगवन लौट अयोध्या आए ।
भगवन चौदह बरस वन वास,
भगवन लौट अयोध्या आए ।
वो कुअटन-कुअटन आए,
और सूखे कुंआ भारियाए ।
वो कुअटन-कुअटन आए,
और सूखे कुंआ भारियाए ।
श्री गायत्री माता की आरती (Gayatri Mata Ki Aarti)
सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई: भजन (Sukh Ke Sab Saathi, Duhkh Mein Na Koi)
धर्मराज आरती - धर्मराज कर सिद्ध काज (Dharmraj Ki Aarti - Dharmraj Kar Siddh Kaaj)
शक्किन पैरन परि-परि जाए,
भगवन लौट अयोध्या आए ।
शक्किन पैरन परि-परि जाए,
भगवन लौट अयोध्या आए ।
भगवन चौदह बरस वन वास,
भगवन लौट अयोध्या आए ।
वो महलन-महलन आए,
और खंडर महल चिनियाए ।
वो महलन-महलन आए,
और खंडर महल चिनियाए ।
रानी पैरन परि-परि जाए,
भगवन लौट अयोध्या आए।
रानी पैरन परि-परि जाए,
भगवन लौट अयोध्या आए।
भगवन चौदह बरस वन वास,
भगवन लौट अयोध्या आए ।
भगवन चौदह बरस वन वास,
भगवन लौट अयोध्या आए ।