नाचे नन्दलाल,
नचावे हरि की मईआ ॥
नचावे हरि की मईआ,
नचावे हरि की मईआ ।
नाचे नन्दलाल,
नचावे हरि की मईआ ॥
मथुरा मे हरि, जन्म लियो है ॥
गोकुल मे पग, धरो री कन्हैया॥
रुनुक-झुनुक पग, घुँघरू वाज़े ॥
ठुमुक-ठुमुक पग, धरो री कन्हैया॥ …x2
॥ नाचे नन्दलाल…॥
धोतो न बांधे, जामो न पहिरे ॥
पिताम्बर को, बडो रे पहरैया॥
टोपो न ओढ़े लाला, फेंटा* न बांधे ॥
मोर-मुकुट को, बडो रे ओढैईया॥ …x2
॥ नाचे नन्दलाल…॥
शाला न ओढ़े, दुशाला ना ओढ़े ॥
काली रे कमरिया को, बडो रे ओढैईया॥
ढूध न भावे, दही ना खावे ॥
माखन-मिसरी को, बड़ो रे खवैईया॥…x2
॥ नाचे नन्दलाल…॥
खेल ना खेले, खिलौना ना खेले ॥
बंसी को लाला, बडो री बजीईया ॥
चंदर सखी भज, बालकृष्ण छवि ॥
हंस हंस कंठ लगावे, हर की मैया ॥ …x2
॥ नाचे नन्दलाल…॥
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नाचे नन्दलाल,
नचावे हरि की मईआ ॥
नचावे हरि की मईआ,
नचावे हरि की मईआ ।
नाचे नन्दलाल,
नचावे हरि की मईआ ॥
* फेंटा – साफा