मेरी वैष्णो मैया,
तेरी महिमा अपरम्पार,
कलियुग में हर प्राणी के,
कलियुग में हर प्राणी के,
पापो का करो उद्धार,
मेरी वैष्णो मईया,
तेरी महिमा अपरम्पार ॥
हर एक प्राणी परलोक सवारे,
तेरे चरण में अपने पाप उतारे,
हर एक प्राणी परलोक सवारे,
तेरे चरण में अपने पाप उतारे,
करुणामई तू सबके पापो,
का करती संहार,
मेरी वैष्णो मईया,
तेरी महिमा अपरम्पार ॥
ध्यानु भगत माँ तेरा गुण गाया,
तूने प्रेम अपना सारे भक्तो पे लूटाया,
ध्यानु भगत माँ तेरा गुण गाया,
श्रीधर सेवक को तूने गले से लगाया,
धन्य है तेरी कृपा मैया,
धन्य है तेरा प्यार,
मेरी वैष्णो मईया,
तेरी महिमा अपरम्पार ॥
उँचे पहाड़ा बैठी वैष्णो भवानी,
कठिन चढ़ाई चढ़के आए कल्याणी,
उँचे पहाड़ा बैठी वैष्णो भवानी,
कठिन चढ़ाई चढ़के आए कल्याणी,
तेरे दर्शन मात्र से मैया,
सुख पाए संसार,
मेरी वैष्णो मईया,
तेरी महिमा अपरम्पार ॥
ज्ञान जगा दो अब तो हम सबका माँ,
कायम रख सके भक्त की गरिमा,
ज्ञान जगा दो अब तो हम सबका माँ,
कायम रख सके भक्त की गरिमा,
‘देवेंद्र’ ‘कैलाश’ की माँ है,
हृदय से ये पुकार,
मेरी वैष्णो मईया,
तेरी महिमा अपरम्पार ॥
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 4 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 4)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 4 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 4)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 4 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 4)
मेरी वैष्णो मैया,
तेरी महिमा अपरम्पार,
कलियुग में हर प्राणी के,
कलियुग में हर प्राणी के,
पापो का करो उद्धार,
मेरी वैष्णो मईया,
तेरी महिमा अपरम्पार ॥
दुर्गा चालीसा | आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी | आरती: अम्बे तू है जगदम्बे काली | महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् | माता के भजन