तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तु ही जाने: भजन (Teri Maya Ka Na Paya Koi paar ki Leela Teri Tu Hi Jaane)

jambh bhakti logo

तेरी माया का ना पाया कोई पार,
की लीला तेरी तु ही जाने,
तु ही जाने ओ श्यामा तु ही जाने,
सारी दुनिया के सिर जन हार,
की लीला तेरी तु ही जाने ॥

बंदी ग्रह मे जन्म लिया और पल भर वहाँ ना ठहरा,
टूट गये सब ताले सो गये देते थे जो पहरा,
आया अम्बर से संदेश मानो वासुदेव आदेश,
बालक लेके जाओ नंद जी के द्वार,
की लीला तेरी तु ही जाने ॥

बरखा प्रबल चँचला चपला कंस समान डरावे,
ऐसे मे शिशु को लेकर कोई बाहर केसे जाये,
प्रभु का सेवक शेषनाग देखो जागै उसके भाग,
उसने फण पे रोका बरखा का भार,
की लीला तेरी तु ही जाने ॥

वासुदेव जी हिम्मत हारे देख चढ़ी जमुना को,
चरण चूमने की अभिलाषा की हिम्गिरि ललना को,
तुने पग सुकुमार दिये पानी मे उतार,
छू के रस्ता बन गई यमुना की धार,
की लीला तेरी तु ही जाने ॥

नंद के घर पहुँचे यशोदा को भाग्य से सोता पाया,
कन्या लेकर शिशु छोड़ा तो हाये रे मन भर आया,
कोई हँसे चाहे रोये तु जो चाहे वही होय,
सारी बातो पे तुझे है अधिकार,
की लीला तेरी तु ही जाने ॥

लौ आगई राक्षसी पूतना माया जाल बिछाने,
माँ से बालक छीन के ले गई बिष भरा दुध पिलाने,
तेरी शक्ति का अनुमान कर ना पाई वो नादान,
जिस को मारा तुने उसको दिया तार,
की लीला तेरी तु ही जाने ॥

मात यशोदा कहती रही नटखट कान्हा चंचल से,
आज नही छोडूंगी तुझको बाँधुगि ओखल से,
मैया जितना बांधती कसती छोटी पड़ जाती थी रस्सी,
वो तो खेच खेच रस्सी को गई हार,
की लीला तेरी तु ही जाने ॥

डपट रही जब मैया ललना काहे माटी खायौ,
खोल के तुमने मुख को अपने तब ब्रँहान्ड दिखायौ,
मात यशोदा लीन्ही जान तुम हो साछात भगवान,
हमतो इतना जाने विष्णु के अवतार,
की लीला तेरी तु ही जाने ॥

किर्णाव्रत को लात पड़ी तो मटकी मे जा अटका,
दैत्य को दुध दही से नहला के चूल्हे मे दे पटका,
फ़िर भी ना माना बदमाश प्रभु को ले पहुँचा आकाश,
है वही उसका किया रे संहार,
की लीला तेरी तु ही जाने ॥

काकासुर की पकड़ के गर्दन जब तुने था फेंका,
गिरता पड़ता असुर वो सीधा कंस सभा मे पहुँचा,
बोला कंस से वो राजन बालक नही है वो साधारण,
मुझको लगता वो हरी का अवतार,
तेरी माया का ना पाया कोई पार,
की लीला तेरी तु ही जाने ॥

भोले तेरी माया अजब निराली है: भजन (Bhole Teri Maya Ajab Nirali Hai)

भगवन लौट अयोध्या आए.. (Bhagwan Laut Ayodhya Aaye)

अहं ब्रह्मास्मि महावाक्य (Aham Brahmasmi)

काम ना चलता था जहाँ पे धनुष से और बाणों से,
तुमने जीती वो बाजी भी मुरली की तानो से,
तु ही हार तु ही जीत तु ही सुर तु हि संगीत,
तु ही पायल तु ही पायल की झंकार,
तेरी माया का ना पाया कोई पार,
की लीला तेरी तु ही जाने ॥

भक्त हूँ मै और तु है भगवन मै नर तु नारायण,
क्या समझूंगा माया तेरी मै नर हूँ साधारण,
भगवन मै मूरख नादान तुमको तिहुं लोक का ज्ञान,
तु ही कण कण मे समाया निराकार,
की लीला तेरी तु ही जाने ॥

अधरों पे सोहे बाँसुरीया काँधे कावल काली,
सांवली सुरतीया पर मै तो बल बल जाऊ सांवरियां,
तु है नंद बाबा की जान तेरी जय हो कृष्ण भगवान,
तेरे गुण गाये ये सारा संसार,
तेरी माया का ना पाया कोई पार,
की लीला तेरी तु ही जाने ॥

नैनो मे करुणा का काजल बाजे छम छम पायल,
शीश पे मोर मुकुट सोहे और कान मे सोहे कुंडल,
कान्हा तेरा रुप सलोना जेसे चमके कोई सोना,
सबके मन पे मोहन तेरा अधिकार,
की लीला तेरी तु ही जाने ॥

मधुबन को करते है सुगंधित बाल तेरे घुंघराले,
लेहर लेहर तेरे रुप की प्यासी मोहन मुरली वाले,
तुझ पे तन मन वारे राधा तेरी दरश दीवानी मीरा,
चंदा तारे करे तेरा शृंगार,
तेरी माया का ना पाया कोई पार,
की लीला तेरी तु ही जाने ॥

मथुरा मे है तु ही मोहन तु ही वृंदावन मे,
तु ही कुंज गलीन को वासी तु ही गोवर्धन मे,
तु ही ठुमके नंद भवन मे तु ही चमके नील गगन मे,
करता रास तु ही जमुना के पार,
की लीला तेरी तु ही जाने ॥

तेरी माया का ना पाया कोई पार,
की लीला तेरी तु ही जाने॥
तु ही जाने ओ श्यामा तु ही जाने,
सारी दुनिया के सिर जन हार,
की लीला तेरी तु ही जाने ॥

Picture of Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment