मुझे कौन जानता था,
तेरी बंदगी से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी बंदगी से पहले ॥
मैं तो खाख था जरा सी,
मेरी और क्या थी हस्ती,
मैं थपेड़े खा रहा था,
तूफ़ान में जैसे कश्ती,
दर दर भटक रहा था,
तेरी बंदगी से पहले ॥
मुझे कौन जानता था,
तेरी बंदगी से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी बंदगी से पहले ॥
मैं था इस तरह जहां में,
जैसे खाली सीप होती,
मेरी बढ़ गई है कीमत,
तूने भर दिए है मोती,
मेरा कौन आसरा था,
तेरी बंदगी से पहले ॥
मुझे कौन जानता था,
तेरी बंदगी से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी बंदगी से पहले ॥
है जहां में मेरे लाखो,
पर तेरे जैसा कौन होगा,
जैसा तू बन्दा पल्वर,
भला एसा कौन होगा,
मैं तुझे ही ढूंडता हूँ,
तेरी बंदगी से पहले ॥
दानी बड़ा ये भोलेनाथ, पूरी करे मन की मुराद - भजन (Dani Bada Ye Bholenath Puri Kare Man Ki Murad)
आरती: श्री रामचन्द्र जी (Shri Ramchandra Ji 2)
मुझे कौन जानता था,
तेरी बंदगी से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी बंदगी से पहले ॥
तू जो मेहरबान हुआ है,
तो जहां भी मेहरबान है,
ये ज़मीन मेहरबान है,
आसमान भी मेहरबान है,
ना ये गीत ये बला था,
तेरी बंदगी से पहले ॥
मुझे कौन जानता था,
तेरी बंदगी से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी बंदगी से पहले ॥