ओ मैया मैं तुम्हारा,
लगता नहीं कोई,
पर जितना किया तुमने,
करता नहीं कोई,
ओ मईया मैं तुम्हारा,
लगता नहीं कोई ॥
जब जब भी दिल मेरा,
उदास होता है,
तू मेरे पास खड़ी,
अहसास होता है,
ढूंढा तेरे जैसा माँ,
मिलता नहीं कोई ॥
कोई भी मुसीबत को,
ना पास भटकने दे,
बेटे की अँखियों से,
ना आंसू टपकने दे,
आँचल तेरे जैसा माँ,
रखता नहीं कोई ॥
जब जब भी पुकारूँ मैं,
जब भी फरियाद करूँ,
मुझे ऐसा लगता है,
तुमको नाराज करूँ,
वो गलती करता हूँ जो,
करता नहीं कोई ॥
‘बनवारी’ प्यार मेरा,
पहचानता नहीं,
मेरी गोद में बैठा है,
तू जानता नहीं,
गोदी में किसी को यूँ ही,
रखता नहीं कोई,
ये मत कहना तू मेरा,
लगता नहीं कोई,
माँ जितना किया तुमने,
करता नहीं कोई ॥
पापांकुशा एकादशी व्रत कथा (Papankusha Ekadashi Vrat Katha)
ओ मैया मैं तुम्हारा,
लगता नहीं कोई,
पर जितना किया तुमने,
करता नहीं कोई,
ओ मईया मैं तुम्हारा,
लगता नहीं कोई ॥
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