शिव भो शंम्भो शिव शम्भो स्वयंभो
भो शम्भो शिव शम्भो स्वयंभो
गङ्गाधर शंकर करुणाकर मामव भवसागर तारक
निर्गुण परब्रह्म स्वरुप गमगम भूत प्रपञ्चा रहित
निज गुहानिहित नितान्त अनन्त आनन्द अतिशय अक्सयलिङ्ग
धिमित धिमित धिमि धिमिकित किततों तों तों तरिकित तरिकितकित तों
मातङ्ग मुनिवर वन्दिता इष सर्व दिगंबर वेस्तित
वेस इष सबेष नित्य निरञ्जन नित्य न अतेष इष सबेष सर्वेश
नृसिंह अवतरण पौराणिक कथा (Narasimha Avatar Pauranik Katha)
श्री जानकी स्रोत्र - जानकि त्वां नमस्यामि (Janaki Sotra - Janki Twam Namasyami)
आओ विनायक म्हारे, आंगणिये पधारो: भजन (Aao Vinayak Mhare Aanganiye Padharo)
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