
Ashadha Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha (Ashadha Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha)
Ashadha Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha
Ashadha Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha
श्री कृष्ण के लीला काल का समय था, गोकुल में एक मोर रहता था, वह मोर बहुत चतुर था और श्री कृष्ण का भक्त था,
॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ पुरुषोत्तम मास माहात्म्य ? पुराणों में अधिकमास अर्थात मलमास के पुरुषोत्तम मास बनने की बड़ी ही रोचक कथा है। उस कथा
कल्पवृक्ष के समान भक्तजनों के मनोरथ को पूर्ण करने वाले वृन्दावन की शोभा के अधिपति अलौकिक कार्यों द्वारा समस्त लोक को चकित करने वाले वृन्दावनबिहारी
सूतजी बोले, ‘राजा परीक्षित् के पूछने पर भगवान् शुक द्वारा कथित परम पुण्यप्रद श्रीमद्भागवत शुकदेवजी के प्रसाद से सुनकर और अनन्तर राजा का मोक्ष भी
श्रीनारायण बोले, ‘हे नारद! भगवान् पुरुषोत्तम के आगे जो शुभ वचन अधिमास ने कहे वह लोगों के कल्याण की इच्छा से हम कहते हैं, सुनो।
सूतजी बोले, ‘हे तपोधन! आप लोगों ने जो प्रश्न किया है वही प्रश्न नारद ने नारायण से किया था सो नारायण ने जो उत्तर दिया