
तुकाराम आरती (Tukaram Aarti)
आरती तुकाराम ।स्वामी सद्गुरु धाम ॥सच्चिदानंद मूर्ती ।पाय दाखवी आम्हा ॥आरती तुकाराम ।स्वामी सद्गुरु धाम ॥सच्चिदानंद मूर्ती ।पाय दाखवी आम्हा ॥ राघवे सागरात ।पाषाण तारीले
आरती तुकाराम ।स्वामी सद्गुरु धाम ॥सच्चिदानंद मूर्ती ।पाय दाखवी आम्हा ॥आरती तुकाराम ।स्वामी सद्गुरु धाम ॥सच्चिदानंद मूर्ती ।पाय दाखवी आम्हा ॥ राघवे सागरात ।पाषाण तारीले
चतुर्भुज जगन्नाथकंठ शोभित कौसतुभः ॥पद्मनाभ, बेडगरवहस्य,चन्द्र सूरज्या बिलोचनः जगन्नाथ, लोकानाथ,निलाद्रिह सो पारो हरि दीनबंधु, दयासिंधु,कृपालुं च रक्षकः कम्बु पानि, चक्र पानि,पद्मनाभो, नरोतमः जग्दम्पा रथो व्यापी,सर्वव्यापी
जय हनुमत बाबा,जय जय हनुमत बाबा ।रामदूत बलवन्ता,रामदूत बलवन्ता,सब जन मन भावा ।जय जय हनुमत बाबा ।अंजनी गर्भ सम्भूता,पवन वेगधारी,बाबा पवन वेगधारी ।लंकिनी गर्व निहन्ता,लंकिनी
अनंत रूप अन्नांत नामअनंत रूप अन्नांत नाम,अनंत रूप अन्नांत नाम,आधी मूला नारायाणाआधी मूला नारायाणाअनंत रूप अन्नांत नाम,अनंत रूप अन्नांत नाम,आधी मूला नारायाणाआधी मूला नारायाणा विस्वा
आरती श्री जगन्नाथआरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,मंगलकारी नाथ आपादा हरि,कंचन को धुप दीप ज्योत जगमगी,अगर कपूर बाटी भव से धारी,आरती श्री जगन्नाथ
नमस्ते नरसिंहायप्रह्लादाह्लाद-दायिनेहिरण्यकशिपोर्वक्षः-शिला-टङ्क-नखालये इतो नृसिंहः परतो नृसिंहोयतो यतो यामि ततो नृसिंहः बहिर्नृसिंहो हृदये नृसिंहोनृसिंहमादिं शरणं प्रपद्ये तव करकमलवरे नखमद्भुत-शृङ्गंदलितहिरण्यकशिपुतनुभृङ्गम्केशव धृतनरहरिरूप जय जगदीश हरे ।
ॐ जय नरसिंह हरे,प्रभु जय नरसिंह हरे ।स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे,स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे,जनका ताप हरे ॥ॐ जय नरसिंह हरे ॥तुम हो दिन दयाला,भक्तन हितकारी,प्रभु
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