भजन :- आणद हियो रे अपार पिपासर नगरी में।,म्हाने आछो लागे महाराज दर्शन जांभ जी रो,गुरूजी थासूं मिलन रो माने कोड
भजन :- आणद हियो रे अपार पिपासर नगरी में। आणद हुओ अपार पीपासर नगरी में । खुशी भये नर नार पीपासर नगरी में ।।टेर।। पीपासर
भजन :- आणद हियो रे अपार पिपासर नगरी में। आणद हुओ अपार पीपासर नगरी में । खुशी भये नर नार पीपासर नगरी में ।।टेर।। पीपासर
भजन :- गिरधर गोकुल आव गिरधर गोकुल आव गोपी संदेशो मोकलो । मोहि दरशण रो राव, प्रेम पियारा कानजी ।टेक । थारे माथे मुकुट सु
आरती – कु कु केरा चरण कु कु केरा चरण पधारो गुरू जम्भदेव, साधु जो भक्त थारी आरती करे। महात्मा
जम्भेश्वर भगवान आरती (जय गुरुदेव दयानिधि) आरती- जय गुरुदेव दयनिधी…. जय गुरुदेव दयानिधि, दीनन हितकारी । जय जय मोह
आरती जय जम्भेश्वर की आरती 1: आरती श्री महाविष्णु देवा आरती श्री महाविष्णु देवा, सुरनर मुनि जनकरे सब सेवा
आरती 1 : आरती कीजै गुरू जंभ जती की आरती कीजै गुरू जंभ जती की भगत उधारण प्राण पति की। पहली आरती लोहट
29 Rule Bishnoi ( 29 नियम बिश्नोई ) तीस दिन सुतक , पांच ऋतुवन्ती न्यारो । सेरा करो स्नान शील संतोष सुचि प्यारो। द्विकाल संध्या
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