म्हारे सर पर है मैया जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी ॥
जे कोई म्हारी मैया जी ने,
साँचे मन से ध्यावे,
काल कपाल भी मैया जी के,
भगता से घबरावे,
जे कोई पकड़्यो है,
मैया जी रो हाथ,
विको तो कोई काई करसी,
म्हारे सिर पर है मैया जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी ॥
जो माँ पे बिस्वास करे वो,
खूंटी ताण के सोवे,
बठे प्रवेश करे ना कोई,
बाल ना बांको होवे,
जाके मन में नहीं है विस्वास,
बीको तो मैया कई करसी,
म्हारे सिर पर है मैया जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी ॥
कलयुग माहि मैया म्हारी,
साँची नाम कमाई,
जद जद भीड़ पड़ी भगता पर,
दौड़ी दौड़ी आई,
या तो घट घट की जाणे सारी बात,
कोई तो म्हारो कई करसी,
म्हारे सिर पर है मैया जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी ॥
म्हारे सर पर है मैया जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी ॥
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