ध्यानु की तरह अम्बे,
मेरा नाम अमर कर दो,
चरणों में मिट जाऊं,
भक्ति की नजर कर दो,
ध्यानु की तरह अम्बें,
मेरा नाम अमर कर दो ॥
चोला बसंती माँ,
पहना है लिए मस्ती,
सर प्रेम के बाने में,
लाली है तेरी हस्ती,
झंकार के छैनों की,
इस मन को संवर कर दो,
ध्यानु की तरह अम्बें,
मेरा नाम अमर कर दो ॥
मंगलमय शुभ ज्योति,
मन मंदिर में जागी,
तेरा पंथ निराला है,
मोहे सांची लगन लागी,
गुण गान करे वाणी,
स्वासों में असर कर दो,
ध्यानु की तरह अम्बें,
मेरा नाम अमर कर दो ॥
माता और बेटे का,
रिश्ता ये पुराना है,
ममता में बंधती वो,
मैंने तो ये जाना है,
रहमत की निगाहें माँ,
इक बार अगर कर दो,
ध्यानु की तरह अम्बें,
मेरा नाम अमर कर दो ॥
बम बाज रही भोले की, चारों दिशाएं: भजन (Bam Baj Rahe Bhole Ki Charo Dishaye)
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 5 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 5)
राम जी से पूछे जनकपुर की नारी: भजन (Ram Ji Se Puche Janakpur Ki Nari)
ध्यानु की तरह अम्बे,
मेरा नाम अमर कर दो,
चरणों में मिट जाऊं,
भक्ति की नजर कर दो,
ध्यानु की तरह अम्बें,
मेरा नाम अमर कर दो ॥