मैया बुलाले नवराते में, नाचेंगे हम सब जगराते में: भजन (Maiya Bulale Navrate Mein)

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मैया बुलाले नवराते में,
नाचेंगे हम सब जगराते में,
माँ की मूरत बस गई आँखो में,
नाचेंगे हम सब जगराते में ॥

परदेशी हूँ पर भुला ना पाऊं,
माँ के दर जाना तो मैं भी चाहूँ,
बालक समझ माँ मुझे नाट दे,
संदेशा ये औरो को बाँट दे,
चिट्ठी लगी अब के हाथो में,
नाचेंगे हम सब जगराते में ॥

चढ़ाई चढ़ते भक्त गाने लगे,
दर्शन के ये सब दीवाने लगे,
चुनरी मँगवाई है जयपुर से,
इसको चढ़ाएंगे माँ के दर पे,
पावन अवसर लग गया हाथो में,
नाचेंगे हम सब जगराते में ॥

मंदिर में घुसके तो दिल ये कहे,
सर मेरा माँ के चरणों में रहे,
ऐसी ममता तो ना पाई कही,
मन करता ‘सुनील’ रह जाऊं यही,
मैया के इस नवराते में,
नाचेंगे हम सब जगराते में ॥

मैया बुलाले नवराते में,
नाचेंगे हम सब जगराते में,
माँ की मूरत बस गई आँखो में,
नाचेंगे हम सब जगराते में ॥

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Sandeep Bishnoi

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