सिमर सिमर नाम जीवा
तन मन होए निहाला,
चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां
मेरे सतगुरु दीन दयाला
चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां
मेरे सतगुरु दीन दयाला
सिमर सिमर नाम जीवा
तन मन होए निहाला,
चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां
मेरे सतगुरु दीन दयाला
चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां
मेरे सतगुरु दीन दयाला
पार ब्रह्म परमेश्वर सतगुरु,
आपे कर निहाला,
चरण धुल तेरी सेवक मांगे
तेरे दर्शन दो बलिहारा,
सिमर सिमर नाम जीवा
तन मन होए निहाला,
चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां
मेरे सतगुरु दीन दयाला
चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां
मेरे सतगुरु दीन दयाला
मेरे राम राये, मेरे राम राये
ज्यों राखे, त्यों रहिये
दुःख पावे ता नाम जपांवे
सुख तेरा देता लहिए
सिमर सिमर नाम जीवा
तन मन होए निहाला,
चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां
मेरे सतगुरु दीन दयाला
चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां
मेरे सतगुरु दीन दयाला
मुकत भुगत जुगत तेरी सेवा
जिसे तू आप करावे
तहाँ बैकुंठ जहाँ कीर्तन तेरा
तू आपे सारधा लावे,
ॐ जय जय शनि महाराज: श्री शनिदेव आरती (Aarti Om Jai Jai Shri Shani Maharaj)
सिमर सिमर नाम जीवा
तन मन होए निहाला,
चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां
मेरे सतगुरु दीन दयाला
चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां
मेरे सतगुरु दीन दयाला
कुर्बान जाऊ तो उस वेला सुहावे,
तुमने द्वारे आवा,
नानक को प्रभु भये किरपाला,
सतगुरु पूरा पाया,
सिमर सिमर नाम जीवा
तन मन होए निहाला,
चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां
मेरे सतगुरु दीन दयाला
चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां
मेरे सतगुरु दीन दयाला