भजो रे भैया,
राम गोविंद हरि,
राम गोविंद हरि,
भजो रे भईया,
राम गोविंद हरि ॥
जप तप साधन,
कछु नहीं लागत,
खरचत नहिं गठरी,
भजो रे भईया,
राम गोविंद हरि ॥
संतत संपत,
सुख के कारण,
जासे भूल परी,
भजो रे भईया,
राम गोविंद हरि ॥
कहत कबीरा,
जिन मुख राम नहीं,
ता मुख धूल भरी,
भजो रे भईया,
राम गोविंद हरि ॥
भजन: मन तड़पत हरि दर्शन को आज (Mann Tarpat Hari Darshan Ko Aaj)
भोले के कांवड़िया मस्त बड़े मत वाले हैं: भजन (Bhole Ke Kawadiya Masat Bade Matwale Hain)
श्याम खाटू वाले से मेरी पहचान हो गई - भजन (Shyam khatu wale se meri pahachan ho gai)
भजो रे भैया,
राम गोविंद हरि,
राम गोविंद हरि,
भजो रे भईया,
राम गोविंद हरि ॥
Post Views: 174