भजन :- मत ले जिवडा नींद हरामी
मतले जिवड़ा नींद हरामी, थोडे जीवणा में काई सोवे ।
थारे घर में घोर अंधेरो, पर घर दिवला कांई जोवे ।
थारे घर में होद भरयो है, कादा में कपड़ा कांई थोवो ।
थारे घर में रूख चंदन को, बीज बावलिया राक्यो बोवे । रामानन्द मिल्या गुरू पूरा, गहरी नींद में कांई सोवे ।
कहत कबीर सुनो भाई साधो, साहिब मिलिया जिण ओले ।
भजन :- कैसो खेल रच्यो मेरे दाता
कैसो खेल रच्यो मेरे दाता जित देखू उत तू ही तू ।
कैसी भूल जगत में डाली साहिब करणी कर रहयो तू ।
नर नारी में एक ही कहिये दोय बनके दरसे तू |
बालक होय रोवण ने लाग्यो माता बन बुच कारयो तू ।।1।। कीड़ी में छोटो बण बैठो, हाथी में मोटो तू ।
होय मग्न मस्ती में डोले महावत बन के बैठो तू ।।2।।
राज धराणा में राजा बन बैठयो, भिखियारी में मंगतो तू ।
होय झगड़ालू झगड़वा लाग्यो, फोजदार में फौजी तू ।।3।। देवल में देवता बन बैठयो पूजा करण पुजारी तू ।
चोरी करे जब बाज चोरटो खोज करण में खोजी तू ।।4।।
राम ही करता राम ही भरता सारो खेल रचायो तू ।
कहत कबीर सुनो भाई साधो उलट खोज कर पायो तूं ।5।।
भजन :- दो दिन का जग में मेला सब चला चली का मेला ।
दो दिन का जग में मेला सब चला चली का मेला ।
कोई चला गया कोई जावै कोई गढ़डी बांध सिधावे।
कोई खड़ा तैयार अकेला ।।1।।
सब कर पाप कपट छल माया, धन लाख करोड़ कमायाजी,
शिव अद्भुत रूप बनाए: भजन (Shiv Adbhut Roop Banaye)
श्री हरि स्तोत्रम् (Shri Hari Stotram)
म्हने हिचक्या आवे जी: भजन (Mhane Hichkiyan Aave Ji)
संग चले न एक अजजा ।।2।।
सुर नार मात पितु भाई, कोई अंतर सताया नहीं जी।
क्यों भरे पाप का ठेला ।।3।।
यह तो नश्वर संसारा, भजन तू करले ईश का प्यारा,
ब्रह्मानंद कह सुन चेला ।।4।।
भजन :- मोड़ो आयो रे सांवरिया थे म्हारी लाज गवाई रे
मोड़ो आयो रे सांवरिया थे म्हारी लाज गुमाई रे
और सगा ने महल मालिया चार दीवारी रे ।
नरसी भक्त ने टूटी झूपड़ी टपके न्यारी ।i1।॥
और संगा ने शाल दुशाला काम्बल न्यारी रे ।
नरसी भक्त ने फाटुडी गूदड़ी बीच में बारी रे ।।2।।
और सुना ने लाडू पेड़ा, बरफी न्यारी रे ।
नरसी भक्त ने ठंडी खिचड़ी, बासो न्यारी रे ।।3।।
कह नरसिलो सुणो सांवरा अर्ज हमारी रे ।
नानी बाई रो भरो मायरो, नहीं लाज जासी थारी रे ।।4।।
मत ले जिवडा नींद हरामी, मत ले जिवडा नींद हरामी, मत ले जिवडा नींद हरामी