
गुरु आसन समराथल भाग 3 ( Samarathal Dhora ) गुरु आसन समराथल भाग 3 (Samarathal Dhora ) मेरे पास पापो का

गुरु आसन समराथल भाग 2 ( Samarathal Katha ) गुरु आसन समराथल भाग 2 ( Samarathal Katha ) हे कृष्ण! भजन योग्य तो भगवान है उसका भजन नहीं किया, सुनने

सेंसेजी का अभिमान खंडन भाग 3 सेंसेजी का अभिमान खंडन भाग 3 सैंसे भक्त के साथ उपस्थित जमाती के लोगों ने पूछा- हे गुरुदेव!

सेंसेजी का अभिमान खंडन भाग 2 सेंसेजी का अभिमान खंडन भाग 2 गृहलक्ष्मी कहने लगी- हे योगी। खिड़की पकड़े हुए क्यों खड़ा है? जिस

सेंसेजी का अभिमान खंडन भाग 1 सेंसेजी का अभिमान खंडन भाग 1 वील्हो उवाच- हे गुरुदेव! आपने मुझे अब तक जाम्भोजी के जीवन

जैतसी का मुकाम मन्दिर में आगमन जैतसी का मुकाम मन्दिर में आगमन विल्हो उवाच -हे गुरु देव क्या सिद्धेश्वर साक्षात विष्णु स्वरूप जाम्भोजी हम

जाम्भोजी का भ्रमण जाम्भोजी का भ्रमण भाग 5 राजा ने प्रार्थना करते हुए कहा- हे देव। आप अपने शिष्यों के सहित हमारे राजमहल

जाम्भोजी का भ्रमण भाग 4 जाम्भोजी का भ्रमण भाग 4 एक सम वीसनोई गंगापार पूरब का अरज कोवी। जांभाजी ! तुरकाणी को जोर है।

जाम्भोजी का भ्रमण भाग 3 जाम्भोजी का भ्रमण भाग 3 जय हो लोहट के लाला की। जो हमारे जैसे दास पर कृपालु हुए है।

जाम्भोजी का भ्रमण भाग 2 जाम्भोजी का भ्रमण भाग 2 इब्राहिम ने कहा- यदि अंदर बंद नहीं कर सकते तो इस फकीर की

जाम्भोजी का भ्रमण भाग 1 जाम्भोजी का भ्रमण भाग 1 पश्चिम देशों का भ्रमण करके श्री देवजी समराथल पर विराजमान हुऐ।












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प्रश्न 71. गुरुदेव ! आप सूतल लोक में कितने समय तक रहे ? उत्तर- रणधीर ! मैं सूतल लोक में चालीस दिनों तक रहा सूतल लोक में पाहल बनाकर चार
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प्रश्न 51. गुरुदेव ! आपके प्रथम शब्दोपदेश का अर्थ हम छोटी बुद्धि के लोग कुछ समझे नहीं, आप कृपा करके हमें समझाइये ? उत्तर- रणधीर ! "गुरु चीन्हों" उपस्थित सारे
रणधीर के प्रश्न तथा जाम्भोजी के उत्तर
प्रश्न 24. गुरुदेव ! परमात्मा व जीवात्मा में क्या अन्तर है ? उत्तर - रणधीर ! परमात्मा व जीवात्मा में सत्ता रूप में कोई भेद नहीं है। परन्तु शासक-शासित का
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जाम्भोजी और रणधीर के प्रश्न
जाम्भोजी और रणधीर के प्रश्न 2. रणधीर ने पूछा- गुरुदेव ! प्रहलाद कौन था ? और उसको वरदान क्यों देना पड़ा ? उत्तर- भगवान बोले- रणधीर ! प्रहलाद हिरण्यकश्यपु का