चित्तौड़ की कथा भाग 2(JambhBhakti.com)
चित्तौड़ की कथा भाग 2 चित्तौड़ किला विश्नोई कहने लगे – पार ब्रह्मा परमात्मा
चित्तौड़ की कथा भाग 2 चित्तौड़ किला विश्नोई कहने लगे – पार ब्रह्मा परमात्मा
29 Rule Bishnoi ( 29 नियम बिश्नोई ) तीस दिन सुतक , पांच ऋतुवन्ती न्यारो । सेरा करो स्नान शील संतोष सुचि प्यारो। द्विकाल संध्या
प्रश्न 71. गुरुदेव ! आप सूतल लोक में कितने समय तक रहे ? उत्तर- रणधीर ! मैं सूतल लोक में चालीस दिनों तक रहा सूतल
धर्मराज युधिष्ठिर कथा भाग 2 हे विल्हा ! मैं तुम्हें वनवास काल की दो घटनाएं सुनाता हूँ- ये घटनाएं युधिष्ठिर के धर्म को दृढ़
साहू को स्नान का महत्व बतलाना(स्नान क्यों करना चाहिए) बिजनौर को चौधरी गांव साहू गंगा पार सु
म्हारे घर आये जम्भ भगवान जम्भेश्वर भजन Lyrics म्हारे घर आए जम्भ भगवान सोने रो सूरज उगियो सोहन कलश गंगा जल भरियो सखियाँ मंगल गाय
भूल बिसर मत जाई कन्हैया, मेरी ओड़ निभाना जी | मोर मुकुट पीताम्बर सोहे, कुंडल झलकत काना जी | वृन्दावन की कुञ्ज गलिन में,मोहन वंशी
प्रश्न 123. गुरुदेव ! आपके मंत्र कहां-कहां काम आयेंगे ? रणधीर ! मेरे मंत्र सब प्रकार के दुःख मिटाने के काम आयेंगे। उत्तर – जैसे-
प्रश्न 101. गुरुदेव ! आपने जो अन्न बांटा वो अन्न कहां से लाए ? उत्तर- रणधीर मुझे कोई भी वस्तु लाने में विचार करने की
प्रश्न 71. गुरुदेव ! आप सूतल लोक में कितने समय तक रहे ? उत्तर- रणधीर ! मैं सूतल लोक में चालीस दिनों तक रहा सूतल
प्रश्न 51. गुरुदेव ! आपके प्रथम शब्दोपदेश का अर्थ हम छोटी बुद्धि के लोग कुछ समझे नहीं, आप कृपा करके हमें समझाइये ? उत्तर- रणधीर
प्रश्न 24. गुरुदेव ! परमात्मा व जीवात्मा में क्या अन्तर है ? उत्तर – रणधीर ! परमात्मा व जीवात्मा में सत्ता रूप में कोई भेद
प्रश्न 24. गुरुदेव ! परमात्मा व जीवात्मा में क्या अन्तर है ? उत्तर – रणधीर ! परमात्मा व जीवात्मा में सत्ता रूप में कोई भेद
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