बिश्नोई पंथ ओर प्रहलाद भाग 6
बिश्नोई पंथ ओर प्रहलाद भाग 6 बिश्नोई पंथ ओर प्रहलाद भाग 6 नाथोजी उवाच- नाद तथा बिन्द यह दो प्रकार की परम्परा चलती है। प्रहलाद
बिश्नोई पंथ ओर प्रहलाद भाग 6 बिश्नोई पंथ ओर प्रहलाद भाग 6 नाथोजी उवाच- नाद तथा बिन्द यह दो प्रकार की परम्परा चलती है। प्रहलाद
बिश्नोई पंथ ओर प्रहलाद भाग 5 प्रहलाद ने कहा पिताजी ! आप इन बिचारे निरपराध जनों को क्यों मार रहे है? इन सभी का मूल
बिश्नोई पंथ ओर प्रहलाद भाग 4 प्रहलाद ने कहा-सुनो बन्धु जनों । यह आपके हाथ में जल देवता है तथा आपके सामने यज्ञदेवता अग्नि है,
सेंसेजी का अभिमान खंडन भाग 2 गृहलक्ष्मी कहने लगी- हे योगी। खिड़की पकड़े हुए क्यों खड़ा है? जिस प्रकार
प्रश्न 51. गुरुदेव ! आपके प्रथम शब्दोपदेश का अर्थ हम छोटी बुद्धि के लोग कुछ समझे नहीं, आप कृपा करके हमें समझाइये ? उत्तर- रणधीर
जाम्भोजी का जैसलमेर पधारना भाग 4 पांचवी आज्ञा यह है कि जो लोग विश्नोई बन गये है वे लोग आप के
आरती – कु कु केरा चरण कु कु केरा चरण पधारो गुरू जम्भदेव, साधु जो भक्त थारी आरती करे। महात्मा
म्हारे घर आये जम्भ भगवान जम्भेश्वर भजन Lyrics म्हारे घर आए जम्भ भगवान सोने रो सूरज उगियो सोहन कलश गंगा जल भरियो सखियाँ मंगल गाय
भूल बिसर मत जाई कन्हैया, मेरी ओड़ निभाना जी | मोर मुकुट पीताम्बर सोहे, कुंडल झलकत काना जी | वृन्दावन की कुञ्ज गलिन में,मोहन वंशी
प्रश्न 123. गुरुदेव ! आपके मंत्र कहां-कहां काम आयेंगे ? रणधीर ! मेरे मंत्र सब प्रकार के दुःख मिटाने के काम आयेंगे। उत्तर – जैसे-
प्रश्न 101. गुरुदेव ! आपने जो अन्न बांटा वो अन्न कहां से लाए ? उत्तर- रणधीर मुझे कोई भी वस्तु लाने में विचार करने की
प्रश्न 71. गुरुदेव ! आप सूतल लोक में कितने समय तक रहे ? उत्तर- रणधीर ! मैं सूतल लोक में चालीस दिनों तक रहा सूतल
प्रश्न 71. गुरुदेव ! आप सूतल लोक में कितने समय तक रहे ? उत्तर- रणधीर ! मैं सूतल लोक में चालीस दिनों तक रहा सूतल
प्रश्न 24. गुरुदेव ! परमात्मा व जीवात्मा में क्या अन्तर है ? उत्तर – रणधीर ! परमात्मा व जीवात्मा में सत्ता रूप में कोई भेद
प्रश्न 24. गुरुदेव ! परमात्मा व जीवात्मा में क्या अन्तर है ? उत्तर – रणधीर ! परमात्मा व जीवात्मा में सत्ता रूप में कोई भेद
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